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आपातकालीन डैशबोर्ड

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अभिगम्यता नियंत्रण

हृद्वक्ष केन्‍द्र, एम्‍स में कोरोनरी बाइपास सर्जरी जारी है

श्री देवीराम भारत में प्रथम ह़दय प्रतिरोपण

डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद नेत्र रोग विज्ञान केन्‍द्र, एम्‍स में लेजर उपचार कराता हुआ एक रोगी

एम्‍स में हाइटेक सुविधाओं और नर्सिंग देखभाल से इन लोगों की उत्तरजीविता में योगदान मिला है

बीसीआर हरे संकेत एबीएल लाल संकेत तीर से इनके मिलने का संकेत दर्शाया गया है

हाल में लगाए गए गामा नाइफ से इलाज के लिए तंत्रिका शल्‍य चिकित्‍सा रोगी को तैयार करना

एम्‍स की आधुनिकतम चुम्‍बकीय अनुनाद इमेजिंग सुविधा में जांच कराता रोगी

एक मल्‍टी चैनल ऑटोएनाइलाइजर जो रक्‍त के छोटे से नमूने का इस्‍तेमाल करते हुए रक्‍त रसायन के अनेक पैरामीटरों का शीघ्रतापूर्वक आकलन कर सकता है।

परिष्‍कृत चिकित्‍सा और सर्जिकल देखभाल में हमारे परिणाम दुनिया में सर्वोत्तम हैं। इस प्रयास का सबसे अधिक संतुष्टिकारक पक्ष यह हे कि ये आधुनिकतम प्रौद्योगिकियां वास्‍तव में गरीबों के लिए इस्‍तेमाल की जा रही हैं।

एम्‍स भारत और पड़ोसी देशों के लाभवंचित लाखों नागरिकों को विश्‍व स्‍तरीय क्लिनिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए कठिन प्रयास करता है। इसके भव्‍य भवन और हाइटेक सुविधाएं आभिजात्‍य वर्ग की सतही छवि मात्र बनाती हैं। एम्‍स में आने के बाद यह विभ्रम मिट जाता है।एम्‍स भारत और पड़ोसी देशों के लाभवंचित लाखों नागरिकों को विश्‍व स्‍तरीय क्लिनिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए कठिन प्रयास करता है। इसके भव्‍य भवन और हाइटेक सुविधाएं आभिजात्‍य वर्ग की सतही छवि मात्र बनाती हैं। एम्‍स में आने के बाद यह विभ्रम मिट जाता है।

यहां के गलियारे रोगियों से भरे होते हैं, जिनमें से अधिकांश लोग इतने गरीब हैं कि वे कहीं और अच्‍छा इलाज नहीं करा सकते। यह यहां बड़ी उम्‍मीदे लेकर आते हैं क्‍योंकि एम्‍स ने अपनी ऐसी प्रतिष्‍ठा बनाई है। वर्तमान में एम्‍स केवल एक अस्‍पताल नहीं है बल्कि यह सुविधाओं का समूह है। यहां 1500 से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ मुख्‍य अस्‍पताल, डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद नेत्र रोग विज्ञान केन्‍द्र, हृदवक्ष केन्‍द्र, तंत्रिका विज्ञान केन्‍द्र, इंस्‍टीट्यूट रोटरी सेंटर अस्‍पताल और नशा मुक्ति केन्‍द्र। सुविधाओं के इस संकुल में प्रतिवर्ष लगभग 1.5 मिलियन बाह्य रोगी और 80,000 आंतरिक रोगी आते हैं। एम्‍स में प्रति वर्ष की जाने वाली शल्‍य चिकित्‍सा की संख्‍या 100,000 से अधिक है।

श्री देवीराम भारत में प्रथम ह़दय प्रतिरोपण

जबकि एम्‍स की शक्ति अंकों में नहीं बल्कि एक ही स्‍थान पर सर्वोत्तम चिकित्‍सा और शल्‍य क्रिया विशेषज्ञों, आधुनिकतम उपकरणों का उपलब्‍ध होना और नैदानिक या सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य चुनौतियों को पूरा करने के लिए हमारी क्षमता बढ़ाने में भी है। चाहे यह ऑटोएनालाइजर या लीनियर एक्सिलरेटर, चुम्‍बकीय अनुनाद इमेजिंग या गामा नाइफ, एम्‍स के पास से सभी हैं। जैसे ही कोई नया उपकरण आता है, संस्‍थान में कोई न कोई इसे लेने का प्रयास करता है और अपने सभी साधन जुटाकर इसे प्राप्‍त कर लेता है।

डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद नेत्र रोग विज्ञान केन्‍द्र, एम्‍स में लेजर उपचार कराता हुआ एक रोगी

एम्‍स द्वारा जिन क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्‍त की गई है वे हैं कार्डियक कैथेटराइजेशन, हृदय वॉल्‍व सर्जरी, पोर्टो-केवल सर्जरी, नवजात सर्जरी, जोड़ प्रतिस्‍थापन, कॉकलियर इम्‍प्‍लांट और बहु अंग प्रतिरोपण (कार्निया, गुर्दे, अस्थि मज्‍जा, हृदय और यकृत)। परिष्‍कृत चिकित्‍सा और सर्जिकल देखभाल में हमारे परिणाम दुनिया में सर्वोत्तम हैं। इस प्रयास का सबसे अधिक संतुष्टिकारक पक्ष यह है कि ये आधुनिकतम प्रौद्योगिकियां वास्‍तव में गरीबों के लिए इस्‍तेमाल की जा रही हैं।

एम्‍स में हाइटेक सुविधाओं और नर्सिंग देखभाल से इन लोगों की उत्तरजीविता में योगदान मिला है

एम्‍स में रोगी देखभाल की भूमिका केवल हमारे अस्‍पताल तक सीमित नहीं है। एम्‍स द्वारा ऐसे डॉक्‍टरों और सर्जनों को प्रशिक्षण दिया जाता है जो देश भर में फैले हुए हैं तथा विदेश में भी कार्यरत हैं। दशकों से तंत्रिका वैज्ञानिकों, तंत्रिका शल्‍य चिकित्‍सकों, हृदय शल्‍य चिकित्‍सकों, बाल रोग शल्‍य चिकित्‍सकों और गैस्‍ट्रोएंटेरोलॉजिस्‍ट की बड़ी संख्‍या एम्‍स में प्रशिक्षण आती है, क्‍योंकि हमारे संस्‍थान में पहली बार इन सुपर स्‍पेशियलिटीज़ को आरंभ किया गया। अब हमारे पास एंडोक्राइनोलॉजी और मेडिकल ओंकोलॉजी में डीएम पाठ्यक्रम हैं। राष्‍ट्र ने एम्‍स पर बहुत अधिक निवेश किया है और एम्‍स के पास उन लोगों की सर्वोत्तम संभव स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल प्रदान करने के पर्याप्‍त साधन हैं, चाहे उनकी भुगतान क्षमता कुछ भी हो। कुछ लोगों ने अपनी वचनबद्धता पूरी की होती।

बीसीआर हरे संकेत एबीएल लाल संकेत तीर से इनके मिलने का संकेत दर्शाया गया है

चिरकालिक माइलॉइड ल्‍यूकेमिया के फिलाडेलफिया गुणसूत्र धनात्‍मक रोगियों की एक इंटरफेस कोशिका। कोशिका में दर्शाया गया है बी सी आर / ए बी / काइमेरिक फ्यूजन जीन (ओंकोजीन)। पीले संकेत से बी सी आर हरे और ए बी / (लाल) संकेत का अतिव्‍यापन दर्शाया गया है।

विस्‍तार सेवाएं

श्रीमती रेणुका चौधरी, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री तथा एम्‍स की अध्‍यक्षा, एम्‍स में 25 सितम्‍बर 1997 को जीवनशैली तथा स्‍वास्‍थ्‍य पर एक प्रदर्शनी के कुछ पोस्‍टर देखती हुई

व्‍यापक ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा परियोजना (सीआरएचएसटी) की स्‍थापना एम्‍स से लगभग 35 कि. मी. की दूरी पर वल्‍लभ गढ़ में भारत के ग्रामों में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की प्रदायगी के मॉडल के रूप में कार्य करने हेतु की गई है। इसमें उप संभागीय अस्‍पताल और प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों, उप केन्‍द्रों और स्‍वास्‍थ्‍य कामगारों का एक नेटवर्क है। इसकी अनोखी विशेषता समुदाय की ओर से अपनी भागीदारी का सशक्‍त तत्‍व शामिल है। इस परियोजना से मध्‍यम संसाधनों की सहायता से स्‍वास्‍थ्‍य में बड़े सुधार का प्रदर्शन किया गया है।

श्रीमती रेणुका चौधरी, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री तथा एम्‍स की अध्‍यक्षा, एम्‍स में 25 सितम्‍बर 1997 को जीवनशैली तथा स्‍वास्‍थ्‍य पर एक प्रदर्शनी के कुछ पोस्‍टर देखती हुई

समुदाय चिकित्‍सा केन्‍द्र, एम्‍स के शहरी सेवा विस्‍तार में झुग्‍गी से आए हुए रोगी बाह्य रोगी क्लिनिक में

भौतिक चिकित्‍सा और पुनर्वास विभाग में इलाज कराने के बाद अपने पैरों पर वापस खड़ा होने वाला रोगी

समुदाय चिकित्‍सा केन्‍द्र, एम्‍स के शहरी सेवा विस्‍तार में झुग्‍गी से आए हुए रोगी बाह्य रोगी क्लिनिक में

अधिकांश स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक देश में वर्ष 2000 के लिए तय किए गए, जिन्‍हें बल्‍लभगढ़ में पहले ही पूरा किया गया है। सीआरएचएसपी में शिशु मृत्‍यु दर राष्‍ट्रीय औसत के 74 की तुलना में प्रति हजार जीवित जन्‍म पर 54.6 है। इस आबादी में राष्‍ट्रीय आंकड़े के अनुसार प्रतिवर्ष 1,00,000 जीवित जन्‍म पर 200-400 की तुलना में माताओं की मृत्‍यु शून्‍य है। यहां बच्‍चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का कवरेज 95 प्रतिशत से अधिक है और साथ ही यहां विटामिन ए, डायरिया के दौरान ओआरटी का उपयोग तथा बच्‍चों में निमोनिया का शीघ्र और उपयुक्‍त इलाज किया जाता है।

भौतिक चिकित्‍सा और पुनर्वास विभाग में इलाज कराने के बाद अपने पैरों पर वापस खड़ा होने वाला रोगी

एम्‍स में अन्‍य विस्‍तार गतिविधियों में एक मॉडल समुदाय आधारित शहरी स्‍वास्‍थ्‍य परियोजना और नशा मुक्ति केन्‍द्र शामिल है।